जैसा कि आप सभी जानते हैं कि आजकल भारत में क्रिप्टो करेंसी का क्रेज बहुत ही ज्यादा बढ़ रहा है और लगभग सभी लोग क्रिप्टो करेंसी में अपने पैसे इन्वेस्ट कर रहे हैं। सरकार इस बात को ध्यान में रखते हुए क्रिप्टो करेंसी पर टैक्स के मामले में और भी ज्यादा सकती हो गई है और सरकार ने क्रिप्टोकरंसी पर कुछ महत्वपूर्ण टैक्स लगा दिए हैं। आइए जानते हैं कि भारत सरकार ने क्रिप्टो करेंसी पर कौन कौन से महत्वपूर्ण टैक्स लगाए हैं।
सरकार देख रही है कि क्रिप्टोकरंसी में लोग ज्यादातर इन्वेस्टमेंट कर रहे हैं इसलिए सरकार इस साल क्रिप्टो करेंसी में टैक्स को और भी सख्त कर दि है। फिलहाल सरकार क्रिप्टोकरंसी के टैक्स में किसी भी प्रकार की छूट करने के मूड में नहीं है।

सरकार क्रिप्टो करेंसी से जुड़े कुछ नियम को की सख्त
अगर डिजिटल मार्केट में क्रिप्टो करेंसी को कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति के जरिए खरीदता है तो उसमें दोनों व्यक्तियों का फायदा छुपा रहता है। लेकिन सरकार ने एक नियम जारी किया है जिस नियम के अंतर्गत सरकार चाहती है कि बीच में से अन्य शब्द को हटा दिया जाए और कोई भी व्यक्ति क्रिप्टो करेंसी किसी से भी डायरेक्ट खरीदें। उस व्यक्ति को क्रिप्टो करेंसी खरीदने में बीच वाले किसी भी लोगों को पैसे नहीं देने पड़े।
कहने का मतलब यह है कि सरकार लोकसभा के वित्त विधेयक 2022 में यह अपील की है कि डिजिटल मार्केट से अन्य शब्द को हटा दिया जाए और किसी भी व्यक्ति को किसी भी चीज की जरूरत पड़ती है तो वह डायरेक्ट किसी दूसरे से संपर्क किए बगैर उस व्यक्ति से संपर्क करें जिससे उसे खरीदना है।
यदि अब कोई व्यक्ति क्रिप्टो करेंसी खरीदता है तो उससे क्रिप्टो करेंसी खरीदने के लिए किसी बीच वाले को कमीशन नहीं देना पड़ेगा। यह नियम सरकार द्वारा 1 अप्रैल 2022 से लागू किया गया है। अब अगर डिजिटल मार्केट में कोई व्यक्ति क्रिप्टो करेंसी खरीदता है तो उससे ना किसी को फायदा होगा और ना ही किसी को नुकसान होगा। अगर आपका डिजिटल करेंसी फायदे में चल रहा है तो इससे सिर्फ और सिर्फ आपका फायदा होगा और अगर आपका क्रिप्टो करेंसी घाटे में चल रहा है तो इससे सिर्फ और सिर्फ आपका नुकसान होगा।
इस साल के बजट में क्रिप्टो करेंसी के फायदे पर लगाया गया टैक्स
भारत के वित्त मंत्री अपने बजट के भाषण में यह ऐलान किए हैं कि अब क्रिप्टो करेंसी पर भी टैक्स लगेगा। अगर किसी व्यक्ति को क्रिप्टो करेंसी में फायदा होता है तो उसे अपने फायदे का 30 परसेंट सरकार को टैक्स के रूप में देना पड़ेगा। यह नियम वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा लागू किया गया है